गाजीपुर 27 सितम्बर, 2022 (सू.वि)। मुख्य चिकित्साधिकारी हरगोविन्द सिंह ने बताया कि 28 सितम्बर, 2022 विश्व रैबिज दिवस मनाया जायेगा, जिसका उदेश्य आम जनमानस को रैबिज रोग एवं इसके बचाव एवं इसके टीकाकरण संवेदीकरण करने हेतु जानकारी दी। आमजनमान को रैबीज क्या है इसके बारे में उसके लक्षण एवं उसके बचाव हेतु जानकारी दी।
रैबीज क्या है – रैबीज लिस्सा वायरस से होने वाली एक जूनोटिक बीमारी है, जोकि रैबीज से संक्रमित जानवरों के काटने से होती है। रैबीज के 95 प्रतिषत मामले कुत्ते के काटने के कारण होते है। यह रोग विल्ली, बंदर, नेवला, सियार एवं अन्य गर्म रक्त वाले जानवरों के काटने से हो सकता है। यदि किसी जानवर ने काट लिया हो ता क्या करें, पहले घाव को साबुन एवं बहते पानी से 15-20 मिनट तक धोयें। उपलब्ध कीटाणुनाषक लगाये (आयोडिन/स्प्रिट/अल्कोहल इत्यादि), अपने नजदीक के स्वास्थ्य केन्द्र पर सम्पर्क कर संपूर्ण टीकाकरण करायें,अधिक जानकारी के लिए टोल फ्री नं0-18001805145 पर संपर्क करें। यदि किसी जानवर ने काट लिया हो तो क्या ना करें पले जानवरों द्वारा चाटे, खरोच, घाव को अनदेखा ना करें। घाव पर मिर्च, सरसों का तेल जैसे जलन वाले पदार्थ न लगायंे,अंधविष्वास से दूर रहें,घाव को ढ़के नही या टांके ना लगाये। रैबीज से बचाव हेतु समय समय पर रैबीज का टीका अपने पालतू जानवरो का अवष्य लगवायें, पालतू जानवरों को आवारा पषु से दूर रखें, अपने घर के आस-पास एवं मोहल्ले के अज्ञात कुत्तों का भी टीकाकरण करायें, जब जानवर गुस्से में हो, डरा हुआ हो अथवा भोजन कर रहा हो तो उसे न छेड़े, कुत्ता, बिल्ली अथवा अन्य जानवरो के काटने पर सम्पूर्ण टीकाकरण करायें।
जानवरों में रैबीज से ग्रसित होने के लक्षण जैसे भोकने के स्वर में बदलाव, अत्यधिक उत्तेजना एवं बिना कारण के काटना, मुख से लार टपकना, लकवा, उपरोक्त लक्षणों के दिखने के कुछ दिन बाद ही जानवर की मृत्यु हो जाती है। मनुष्य में रैबीज के लक्षणः-किसी जानवर के काटने का इतिहास, असामान्य व्यवहार, पानी से डर लगना, वायुभीति। रैबीज एक जानलेवा बीमारी है किन्तु टीकाकरण के माध्यम से इससे पूर्णतः बचा जा सकता हैं।