गाजीपुर। आचार्य नरेंद्र देव कृषि विश्वविद्यालय अयोध्या द्वारा संचालित कृषि विज्ञान केंद् आकुशपुर में शुक्रवार को अग्रिम पंक्ति प्रदर्शन योजना के अर्न्तगत हरे चारे की कमी को देखते हुऐ बरसीम की HB- 6 प्रजाति का प्रदर्शन ब्लाक करण्डा के ग्राम मदनही, भितुआ, रामपुर सहेड़ी , आकुशपुर आदि गांवों के किसानो के प्रक्षेत्र पर 0.75 हे. में प्रदर्शन आयोजित किया गया है प्रदर्शन मे किसानों को बरसीम का निशुल्क बीज वितरित किया गया।
प्रदर्शन के बारे में केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक पशुपालन डा. ए.के. सिंह ने बताया कि ज्यादातर दुधारू पशु कुपोषण के शिकार है क्योंकि उनको दूध उत्पादन के हिसाब से हरा चारा नहीं मिलता है जीसकी वजह से पशुओं में दूध उत्पादन पूरी तरह से नहीं हो पाता है I बरसीम एक दलहनी पौष्टिक हरा चारा है जिसमें 12-15 प्रतिशत पाच्य प्रोटीन होता है , जब कि पशुओं का जो दाना मिश्रण बनाया जाता है उसमें भी 15-16 % पाच्य प्रोटीन होता है l अगर हरे चारे के रूप में बरसीम या लुर्सन की खेती किसान भाई कर ले तो जो पशुओं को दाना खिलाया जाता है उसकी लागत को बचा सकते है अगर पशुओं के आहार मे बरसीम हरे चारे का अधिक से अधिक प्रयोग किया जाय तो दूध की उत्पादन लागत कम हो जाती है क्योंकि 1.0 ली. दुग्ध उत्पादन के लिये 350 ग्रा. दाने की आवश्यकता होती है इसके बदले 1.5 किग्रा बरसीम हरा चारा दे सकते हैं
इस अवसर पर केन्द्र के वरिष्ठ वैज्ञानिक डा. आर.सी. वर्मा ने बताया कि देश में पशुओं की संख्या पुरे विश्व की 16-18% है लेकिन चारे का क्षेत्रफल कुल 4% है इसलिये प्रति पशु दूध उत्पादन यहाॅ काफी कम है इसलिये दूध उत्पादन बढाने के लिये हरे चारे का क्षेत्रफल बढाने की आवश्यकता है। इस अवसर पर केंद्र के वैज्ञानिक डॉक्टर नरेंद्र प्रताप, डॉ अविनाश राय, डॉ शशांक शेखर भी उपस्थित रहे।