जमानियाँ (गाजीपुर)। स्टेशन बाजार स्थित हिन्दू पीजी कालेज में बुद्धवार को महिला सशक्तिकरण विषय पर एक दिवसीय संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मां सरस्वती की वंदना से हुई।
मुख्य अतिथि ब्रह्मकुमारी ईश्वरीय केंद्र की मुख्य प्रशिक्षिका बी.के.काजल श्रीवास्तव ने अपने उद्बोधन में कहा कि मानव जीवन के उन्नयन की कामना तभी की जा सकती है जब स्त्री और पुरुष दोनों एक दूसरे के पूरक रहें। योग से जीवन में दुर्लभ संयोग बनता है जो शांति कारक होता है। किसी भी व्यक्ति को अपने सामाजिक जीवन की यदि उन्नति करनी है तो उसे सात्विक विचार, शुद्ध आहार और समरस भाव का प्रयोगधर्मी होना होगा। उन्होंने उपस्थित छात्र छात्राओं को आशीर्वचन प्रदान करते हुए उनके उज्ज्वल भविष्य की मंगलकामना की।
विशिष्ट अतिथि द्वय बी.के.मेधा श्रीवास्तव एवं बी.के.खुशबू ने भी संगोष्ठी को संबोधित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो.शरद कुमार ने कहा कि यह संगोष्ठी यद्यपि सर्वांगीण विकास और महिला सशक्तिकरण पर आयोजित था लेकिन ब्रह्मकुमारी बहनों के पदार्पण से यह कार्यक्रम आध्यात्मिक उन्नति हेतु प्रेरण की एक दिवसीय कार्यशाला में परिवर्तित हो गया। मैं इस शानदार गोष्ठी की संयोजक संस्कृत विभागाध्यक्ष प्रो.विमला देवी को कोटिश:साधुवाद देता हूं। संगोष्ठी के मुख्य वक्ता राजनीतिशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ.मदन गोपाल सिंहा ने स्त्री जीवन के प्रचानी, मध्यकालीन एवं वर्तमान स्थिति पर विस्तार से सारगर्भित टिप्पणी की। आईक्यूएसी प्रभारी प्रो.अरुण कुमार, डॉ संजय कुमार सिंह, डॉ राकेश कुमार सिंह, डॉ अखिलेश कुमार जायसवाल, डॉ अमित कुमार, श्रेया सिंह, सपना सिंह, सोनाली तिवारी, खुशी जायसवाल, प्रियंका वर्मा, सुप्रिया वर्मा, तलत, फात्मा, तव्वसुम, परवीन, श्रुति गुप्ता सहित तीस शोध पत्र पढ़े गए।
इस संगोष्ठी में हिंदी विभागाध्यक्ष प्रो.अखिलेश कुमार शर्मा शास्त्री, डॉ मातेश्वरी प्रसाद सिंह, डॉ सुनील कुमार चौधरी, डॉ संजय कुमार राय, डॉ अंगद प्रसाद तिवारी, अभिषेक तिवारी, महेंद्र कुमार, प्रदीप कुमार सिंह, कमलेश प्रसाद आदि मौजूद रहे। कार्यक्रम का सफल संचालन प्रो.विमला देवी एवं अंग्रेजी विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.धर्मेंद्र यादव ने संयुक्त रूप से किया। अंत में कार्यक्रम के प्रति आभार राजनीति शास्त्र के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.अमित कुमार ने किया।