ग़ाज़ीपुर(20 नवम्बर 22)। साल 2012 में जब उत्तर प्रदेश सरकार के द्वारा निशुल्क एंबुलेंस चलाए जाने की घोषणा की गई। तब कई तरह की प्रतिक्रियाएं भी आई। लेकिन कोई नहीं सोचा था कि आमजन के लिए कितना उपयोगी साबित हो सकता है। लेकिन इन दिनों 102 और 108 की उपयोगिता आमजन के लिए काफी अहम हो गया है। जिस का नजारा गाजीपुर में देखा जा सकता है। ऐसा ही कुछ सदर ब्लाक के मोहाव गांव में देखने को मिला। प्रसव पीड़िता के लिए 108 एंबुलेंस के लिए शनिवार को कॉल किया गया और बताए गए लोकेशन पर ईएमटी और पायलट एंबुलेंस लेकर पहुंचे। गर्भवती को लेकर स्वास्थ्य केंद्र के लिए चले लेकिन रास्ते में प्रसव पीड़ा बढ़ जाने के कारण एंबुलेंस के अंदर ही प्रसव कराना पड़ा।
108 एंबुलेंस के ब्लॉक प्रभारी दीपक राय ने बताया कि सदर ब्लाक के मोहाव गांव से प्रसव पीड़िता के लिए परिजनों के द्वारा एक कॉल किया गया। जिसके बाद क्विक रिस्पॉन्स करते हुए इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन प्रदीप और पायलट संतोष के द्वारा बताए गए लोकेशन पर एंबुलेंस लेकर पहुंचा गया। जहां पर सुनीता पत्नी प्रमोद प्रसव पीड़ा से पीड़ित थी। जिसे तत्काल परिजनों के साथ स्वास्थ्य केंद्र के लिए लेकर चला गया। लेकिन रास्ते में प्रसव पीड़ा बढ़ जाने के कारण एंबुलेंस को सड़क के किनारे लगा कर इमरजेंसी मेडिकल टेक्नीशियन प्रदीप और परिवार की महिलाओं के सहयोग से एंबुलेंस के अंदर प्रसव कराया गया। जहां पर गर्भवती ने बच्चे को जन्म दिया। उसके पश्चात जच्चा और बच्चा को जिला महिला चिकित्सालय पहुंचाया गया जहां पर डॉक्टरों ने दोनों को स्वस्थ बताया।