मलसा (गाजीपुर)। सब्बलपुर रामलीला मैदान आयोजित पंच दिवसीय रामचरित मानस सम्मेलन में बक्सर बिहार से पधारे हिमांशु स्वामी ने कहा कि जब जब देश, समाज, गौ माता और धर्म पर विपत्ति का समय आता है तब तब भगवान का अवतार होता है ऐसा शास्त्र, वेद, पुराण और संत कहा करते हैं। परन्तु भगवान को धराधाम पर लाने एवं अत्याचारियों के विनाश हेतु तैयार करने का काम कोई ऋषि मुनि ही करता है।
मुनि विश्वामित्र ने राजा दशरथ जो कि पुत्र मोह में फंसकर अपने कर्तव्य से विमुख हो चुके थे से उनके दो पुत्रों राम लक्ष्मण को यज्ञ रक्षार्थ लेकर बक्सर में आए और ताड़का सुबाहु एवं उनके अनुचरों का बध करवाए। यज्ञ रक्षा करने के उपरांत राम लक्ष्मण को लेकर जनकपुर में धनुष यज्ञ देखने जाने लगे तो पत्थर बनी गौतम पत्नी अहिल्या का उद्धार रामजी ने किया। रामजी इसी स्वभाव के कारण हजारों हजार वर्ष से जन जन के मन में रचे बसे हुए हैं। दलित वंचित और समाज में उपेक्षित जनों को आदर पूर्वक अपने स्नेह से अभिसिंचित करने वाले तथा प्रेम से जो भी मिला उसका ही हो जाने वाले व्यक्तित्व हैं राम। इस अवसर पर सबलपुर के ग्राम प्रधान ओम प्रकाश यादव ‘जज’ ने समारोह में आए साधु संतों को अंगवस्त्रम मिष्ठान देकर सम्मानित किया व कार्यक्रम सफल होने पर लोगों को बधाई दी।