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पशु तस्करी का फल-फूल रहा बड़ा नेटवर्क, 11 गोवंश बरामद

जमानियाँ (गाजीपुर)। कोतवाली क्षेत्र में पशु तस्करी जोर शोर से चल रहा है। पशु तस्करी का एक बड़ा नेटवर्क कार्य कर रहा है। प्रतिदिन पशुओं से लदे पिकप धानापुर-जमानियाँ मार्ग से एन एच-24 होते हुए बिहार प्रान्त में फर्राटा भरते हुए गुजर जाते हैं। क्योंकि यह बिहार प्रांत से सटा हुआ है यही नहीं मवेशियों को बंद लक्जरी गाड़ियों में बेरहमी से ठूंसकर सीमा पार करा दिया जाता है। बेजुबानों के कत्ल से जुड़े इस कारोबार में कोतवाली क्षेत्र पूर्वांचल का द्वार बन गया है। सूत्रों के मुताबिक हर पायदान पर पैसे की खनक से प्रभावित इस काले धंधे को सफेदपोश और खाकी दोनों की शह मिली हुई है। इस कारोबार में बड़ी लॉबी काम कर रही है। पशु तस्करी का कारोबार गहराई तक जड़ें जमा चुका है। कभी कभार एक-दो पशु लदे वाहन पकड़ कर पुलिस वाह-वाही लूट लेती है लेकिन इस कार्यवाई के बाद भी इस कारोबार पर अंकुश नहीं लग पा रहा है। ज्ञात हो कि कुछ माह पूर्व तहसील के कसाई मोहल्ले से भरी मात्रा में गोवंश व गोमांश बरामद हुआ था तथा पुलिस ने कड़ी कार्यवाई भी की थी। उसके बावजूद भी इस धंधे से जुड़े लोग बेखौफ होकर अपना कार्य कर रहे हैं।

कोतवाली क्षेत्र के बरूइन मोड़ के पास बुद्धवार की सुबह करीब 5 बजे अखिल भारतीय क्षत्रिय महासभा युवा, व विश्व हिंदू महासंघ के कार्यकर्ताओं ने स्थानीय लोगों की मदद से 11 गोवंश लदे एक पिकप को पकड़ लिया। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने गोवंश सहित पिकप को कब्जे में लेकर कोतवाली ले गई।
जानकारी के अनुसार महासभा के कार्यकर्ता बिगत कई दिनों से पशु तस्करों को पकड़ने के फिराक में लगे हुये थे। बुद्धवार की सुबह सूचना मिली कि बड़ेसर मोड़ से पशु लदे दो पिकप वाहन गुजर रहा है। महासभा के कार्यकर्ता पहुॅचे तो एक पीकप वाहन रास्ता भूल कर स्टेशन बाजार के रास्ते जाने लगा तथा एक पिकप वाहन बाई पास एन एच 24 से निकल गया। बाजार से होकर जा रही पिकप वाहन का पीछा करने लगे। संयोग रहा कि बरूइन मोड़ के पिकप वाहन अचानक बंद हो गया तथा स्टार्ट करने पर चालू नहीं हो सका। जिससे स्थानीय लोगों के सहयोग से महासभा के कार्यकर्ताओं ने पिकप वाहन को पकड़ लिया। लेकिन वाहन चालक व एक दूसरा पिकप वाहन भागनें में सफल हो गया। पकड़े गये पिकप वाहन में 7 गाय व 4 गोवंश ठूंस-ठूंस कर भरे गये थे। लोगों ने बताया कि अपाचे बाइक से दो लोग पिकप वाहन के आगे-आगे चल रहे तथा उन्हें पकड़ने की कोशिश किया गया तो असलहा लहराते हुए भाग गये।
ज्ञात हो कि पशु तस्करी पर लगाम लगाने व सुरक्षा के लिए निर्धारित स्थल पर पुलिस पीकेट ड्यूटी लगाई जाती है। पीकेट ड्यूटी के बाद भी पशु तस्कर बिना रोक टोक के कोतवाली क्षेत्र के रास्ते से बिहार राज्य में पहुँच जाते है। जो चर्चा का विषय बना हुआ है। सूत्रों के अनुसार पशु तस्कर लोकेशन लेकर वाहन को सिग्नल दे देते हैं। जब तस्कर पूरी तरह आश्वस्त हो जाते हैं कि आगे रास्ता साफ है तो वे फर्राटा भरते हुए निकल जाते हैं। जिससे गो-हत्या से जुड़ा यह कारोबार बेरोकटोक चल रहा है। इस सम्बन्ध में स्टेशन चौकी प्रभारी सुनील कुमार शर्मा ने बताया कि पिकप वाहन सहित गोवंश को कब्जे में ले लिया गया है जबकि वाहन चालक फरार हो गया। पशु तस्करों के विरुद्ध उचित कार्यवाई की जायेगी।