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बीजशोधन के प्रति कृषको को किया जायेगा जागरूक

गाजीपुर 29 मई 2023 (सू0वि0)। किसान भाइयों फसलों को प्रति वर्ष खरपतवारों, रोगों, तथा चूहों से अनुमानतः 15 से 20 प्रतिशत क्षति होती है। खरपतवारों के बाद सबसे अधिक क्षति रोगों से होती है। कभी-कभी रोग महामारी का रूप ले लेते हैं। और शत-प्रतिशत फसल नष्ट हो जाती है।

फसलों में रोग बीज, मृदा, वायु, जल एवं कीटों के द्वारा फैलते हैं। बीज जनित/भूमि जनित रोगों से बचाव हेतु खरीफ 2023 में बोई जाने वाली फसलों में बीजशोधन अत्यंत महत्वपूर्ण है। बीजशोधन द्वारा फसलों को रोगों से सुरक्षित कर अधिक पैदावार ली जा सकती है। जिससे कृषकों की आय दोगुनी करनें व उनकी आर्थिक स्थिति सुदृढ़ करने में मदद मिलेगी। बीजशोधन के प्रति कृषको में जागरूकता पैदा करने के उद्देश्य से खरीफ 2023 की प्रमुख फसलों में शत-प्रतिशत बीजशोधन कराने हेतु दिनांक 15 मई से 15 जून तक इस कार्य को अभियान के रूप में चलाया जा रहा है। इसके अन्तर्गत कृषकों को बीज शोधन के महत्व की जानकारी देकर प्रशिक्षित किया जायेगा तथा बीज शोधक रसायनों की जानकारी किसान भाई अपने धान की फसल की नर्सरी डालने से पूर्व धान के बीजों को जीवाणु झुलसा एवं जीवाणुधारी रोग से बचाव के लिये स्ट्रेप्टोमाइसिन सल्फेट 90प्रतिशत$  टेट्रासायक्लिन हाइड्रो क्लोराइड 10 प्रतिशत रसायन की 4 ग्राम मात्रा प्रति 25 किग्रा० बीज और मिथ्या कण्डुआ रोग (लेढ़ा रोग) से बचाव के लिए कान्डाजिम 50 प्रतिशतW-P  रसायन की 2 ग्राम मात्रा प्रति किग्रा० बीज की दर से एवं धान का झोकारोग से बचाव के लिए थिरम 75 प्रतिशतW-S  रसायन 2.5 ग्राम प्रति किग्रा0 बीज या कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिशतW-P  रसायन की 2 ग्राम मात्रा प्रति किग्रा0 बीज की दर से एवं पत्ती धब्बा रोग से बचाव के लिए थिरम 75 प्रतिशतW-S  रसायन 2.5 ग्राम प्रति किग्रा बीज अथवा ट्राइकोडरमा 4 ग्राम रसायन प्रति किग्रा० बीज की दर से बीज को शोधित किया जाना अनिवार्य है। इसी प्रकार मूग एवं उर्द में पत्ती धब्बा रोग और जड़ सड़न एवं उकठा से बचाव के लिए थिरन 75 प्रतिशतW-S  रसायन$ कार्येन्डाजिम 50 प्रतिशतW-P  रसायन (2ः1) 3 ग्राम रसायन प्रति किग्रा० बीज की दर से शोधित किया जाना अनिवार्य है। इसी प्रकार अरहर की फसल में जड़ सड़न एवं उकठा से बचाव के लिए बिन्न 75 प्रतिशतW-S  रसायन$ कार्बेन्डाजिम 50 प्रतिशतW-P  रसायन (2ः1) 3 ग्राम रसायन प्रति किग्रा0 बीज की दर से एवं अरहर में बीज सड़न रोग से बचाव के लिए कार्बाेक्सिन 37.5 प्रतिशत$ थिरम 37.5 प्रतिशत D-S  रसायन की 4 ग्रात मात्रा प्रति किग्रा बीज की दर से बीज शोधन किया जाना अनिवार्य है।