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प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक पर्यटन स्थल को किया जायेगा विकसित

गाजीपुर 27 जून, 2023 (सू0वि0)। जिलाधिकारी आर्यका अखौरी ने मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजना के अंर्तगत प्रस्ताव उपलब्ध कराने के संबंध में निजी सचिव सांसद बलिया/गाजीपुर विधायक सैदपुर,सदर जंगीपुर, जहूराबाद, जखनिया, मुहम्मदाबाद, जमानियां, सदस्य विधान परिषद गाजीपुर/वाराणसी खण्ड स्नातक, समस्त अध्यक्षत नगर पालिका/नगर पंचायत को पत्र प्रेषित कर जनपद में पर्यटन विकास हेतु स्थल का चयन कर प्रेषित करने की अपेक्षा की है उन्होने कहा कि इस योजना अंतर्गत चयनित करने हेतु जनपद के प्रभारी मंत्री जी की अध्यक्षता में गठित सलाहकार एवं अनुश्रवण समिति के समक्ष प्रस्तुत किया जा सके।

उन्होने बताया कि प्रदेश में मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजना की नीति प्रेषित करते हुए प्रत्येक विधानसभा क्षेत्र में एक पर्यटन स्थल को विकसीत किया जाना है। जिले स्तर पर गठित वर्तमान में सक्रिय जिला पर्यटन एवं संस्कृति परिषद में आंशिक संशोधन करते हुए जनपद के प्रभारी मंत्री की अध्यक्षता में सलाहकार एवं अनुश्रवण समिति का गठन किया गया है, जो मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजनाओं की मानिटरिंग, अनुश्रवण एवं समीक्षा जिले स्तर पर करेगी । पर्यटन विकास सहभागिता योजना की नीति प्रेषित करते हुए प्रस्ताव पर्यटन निदेशालय को उपलब्ध कराया जाना है। पर्यटन विकास हेतु प्रस्तावक योजनान्तर्गत 50 प्रतिशत के अंशदान की सहभागिता के साथ मा० जनप्रतिनिधिगण – मा०सांसद / मा० विधायकगण / मा०सदस्य विधानपरिषद / मा० अध्यक्ष, जिला पंचायत / मा० अध्यक्ष, नगर पंचायत / मा० अध्यक्ष, नगर पालिका परिषद / ग्राम पंचायत आदि के अतिरिक्त कोई भी सक्षम व प्रतिष्ठित व्यक्ति अथवा सरकारी / अर्द्धसरकारी / गैर सरकारी संस्था / संगठन प्रस्तावक हो सकेंगे। मुख्यमंत्री पर्यटन विकास सहभागिता योजना के अंतर्गत पर्यटक स्थल विकसीत करने हेतु परियोजना न्यूनतम धनराशि रू० 25 लाख तथा अधिकतम रू० पांच करोड़ तक होगी, जिसमें पर्यटन विभाग द्वारा विभागीय गाइडलाइंस / मार्गदर्शीय सिद्धांत से आच्छादित कार्य हेतु आंकलित परियोजना लागत धनराशि का अधिकतम 50 प्रतिशत का वित्तपोषण किया जायेगा तथा अवशेष 50 प्रतिशत का वित्तपोषण संबंधित क्षेत्र के मा० सांसद (लोकसभा / राज्यसभा ) द्वारा स्थानीय क्षेत्र विकास योजनान्तर्गत विधानसभा / विधानपरिषद विधायक द्वारा विधायक निधि के अंतर्गत उनकी गाइडलाइंस / मार्गदर्शीय सिद्धांत के अनुसार 50 प्रतिशत का क्षेत्र के मा० कन्वर्जेस प्रस्ताव दिया जा सकेगा। इसके अतिरिक्त नगर निकायों, ग्राम पंचायतों द्वारा अपनी निधियों के अंतर्गत तथा पौराणिक व धार्मिक स्थलों की प्रबंधन समिति / ट्रस्ट ख्याति प्राप्त सवयंसेवी संगठन द्वारा अपनी निधियों तथा कारपोरेट फर्म, वाणिज्यिक प्रतिष्ठान अथवा निजी क्षेत्र की कंपनियों द्वारा भी कन्वर्जेस प्रस्ताव दिये जा सकेंगे। उक्त प्रस्ताव के 50 प्रतिशत के वित्तपोषण की वचनबद्धता / सहमति पत्र विभाग द्वारा (निर्धारित प्रारूप पर) आगणन के साथ अनिवार्य रूप से संलग्न किया जाना होगा। उक्त योजना के अंतर्गत पर्यटन विकास हेतु निर्विवादित स्थल का चयन किया जायेगा, जहां कोई न्यायिक स्थगन,भूमि विवाद अथवा अन्य कोई सीमा व स्वामित्व संबंधी विवाद न हो। पर्यटन विकास हेतु सरकारी भूमि, रजिस्टर्ड पब्लिक सोसायटी / ट्रस्ट / धार्मिक / पौराणिक स्थल की सार्वजनिक उपयोग की भूमि,ग्रामसभा की भूमि अथवा अन्य किसी भी पर्यटन स्थल की सार्वजनिक उपयोग की अविवादित भूमि पर कार्य कराये जायेंगे इस कार्य हेतु कोई निजी स्वामित्व की भूमि नहीं ली जायेगी, जब तक कि वह पब्लिक उपयोग अथवा सरकार के पक्ष में लीज / स्वामित्व में विधिवत न आ जाये। रूम, सामान चबुतरा, योजना के अंतर्गत जनसुविधाओं का विकास, पर्यटन परिसर की लैंडस्केपिंग, बैठने हेतु वेंचेज का निर्माण, रखने हेतु लाकर, पादुकाघर, गृह, स्टोर मार्गदर्शक संकेतक, जलपान रेलिंग,फेन्सिंग,बाउण्ड्रीवाल,परिसर के अंदर पाथवे व अन्य अनुमन्य सौंदर्यीकरण कार्य जैसे- पौराणिक थीम पर आधारित स्थापत्य,भित्ति चित्र, म्यूरल, फेस्को, परिसर के अंदर पार्किगं, गेट प्रकाश व्यवस्था पेयजल एवं शासनादेश में उल्लिखित विवरण के अनुसार कार्य कराये जा सकेंगे।