जमानियाँ (गाजीपुर)। कोतवाली क्षेत्र के ग्राम गायघाट के पास कर्मनाशा नदी के किनारे शनिवार की शाम तेंदुआ को देखकर ग्रामीण दहशत में है जबकि वन विभाग ने तेंदुआ नहीं बल्कि हाइना होने का दावा किया है। हाइना को ही ग्रामीण तेंदुआ समझ रहे है।
ज्ञात हो कि गायघाट गाँव के ज्यादातर किसानों को खेत कर्मनाशा नदी के पार बिहार प्रान्त के गढ़वा गॉव के मौजा में पड़ता है। जिससे वहाँ के किसान कर्मनाशा नदी से जुड़े बड़े नाले पर बांस का पुल बनाकर खेती करने जाते है।
पूर्व प्रधान रामदरश यादव ने बताया कि बिहार प्रान्त के ग्राम गढ़वा मौजा में स्थित अपने बागीचे का रखवाली कर रहे तभी शाम करीब 6 बजे बागीचे में तेंदुआ आ गया। तेंदुआ को देख बागीचे में स्थित मंदिर में छुप गये। वही गॉव के महेन्द्र यादव, सौरभ यादव, बुल्लू यादव, सोनू यादव ने बताया कि शाम समय ज्यादातर गाँव के लोग पुल से उस पार चले जाते है। शाम को तेंदुआ देखते ही सभी लोग एकजुट होकर शोर मचाने लगे जिससे तेंदुआ नाले के तरफ चला गया। तेंदुआ के चले जाने के बाद भयग्रस्त सभी लोग घर वापस आये। यह खबर पूरे में फैलने के बाद सभी लोग दहशत में हो गये तथा तेंदुआ पर नजर रखने लगे। ग्रामीणों ने बताया कि तेंदुआ शनिवार की शाम को ही दिखाई दिया था। शोर मचाने पर कहीं छिप गया। रविवार की सुबह से ही उस पर नजर रखी जा रही है लेकिन अभी तक कही दिखाई नहीं दिया है। इस सम्बन्ध में क्षेत्रीय वन अधिकारी प्रेम प्रकाश चौबे बताया कि गर्मी से व्याकुल होकर जंगली जानकर पानी की तलाश में आबादी क्षेत्र में आ जाते है। 15 दिन पूर्व गहमर गॉव व तीन-चार दिन पूर्व मगरखाई गॉव की तरफ ग्रामीणों ने देखा था। सूचना मिलते ही वन विभाग की टीम ने काफी मेहनत किया तो पता चला कि यह तेंदुआ नहीं हाइना है। जिसे ग्रामीण हड़हा, हुड़ार या बागड़ बिल्ला कहते है। हाइना छोटे-छोटे जानवरों का शिकार करता है तथा इंसान के लिए खतरनाक नहीं होता है। वन विभाग की टीम को गायघाट भेज कर पता कराया जायेगा।