Skip to content

शुरू हुआ जनसंख्या स्थिरता नियंत्रण पखवाड़ा

ग़ाज़ीपुर (11 जुलाई 23)। जनसंख्या को स्थिर करने के लिए शासन और स्वास्थ्य विभाग यह द्वारा लगातार कार्यक्रम चलाए जा रहे हैं। इसी कड़ी में 11 जुलाई से 31 जुलाई तक जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा चलाया जा रहा है। जिसके अंतर्गत जनसंख्या को स्थिर करने के लिए कई तरह के कार्यक्रम का आयोजन करने के साथ ही लाभार्थियों तक संसाधन उपलब्ध कराने की स्वास्थ्य विभाग की योजना है। साथ ही जन जागरूकता कार्यक्रम भी चलाया जाना है। जिसको लेकर मंगलवार को मुख्य चिकित्सा अधिकारी कार्यालय के सभागार में एक गोष्ठी का आयोजन मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ देश दीपक पाल की अध्यक्षता में किया गया। जिसमें समस्त ब्लॉकों के बीसीपीएम, बीपीएम, एचईओ के साथ अर्बन की आशा और एएनएम मौजूद रहे। वही इस गोष्टी के पश्चात अर्बन की आशा और एएनएम के द्वारा एक जागरूकता रैली भी निकाला गया। साथ ही सारथी वाहन को मुख्य चिकित्सा अधिकारी के द्वारा हरी झंडी दिखाकर जन जागरूकता हेतु रवाना किया गया।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ देश दीपक पाल ने बताया कि आजादी के अमृत महोत्सव में हमे यह संकल्प लेना है कि परिवार नियोजन को बनाएंगे खुशियों का विकल्प । इसी थीम को लेकर इस बार जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा मनाया जाना है। जिसका मुख्य उद्देश्य आजादी के अमृत महोत्सव के अवसर पर परिवार नियोजन खुशहाली और समृद्धि के रूप में अपनाएं तथा जनसाधारण को सीमित परिवार के बारे में जागरूक बनाने के साथ-साथ परिवार नियोजन कार्यक्रम को गति प्रदान किया जाना है।

उन्होंने बताया कि इस पखवाड़े के दौरान आमजन को जागरूक करते हुए उन्हें परिवार नियोजन के संसाधन प्रदान किया जाए। ताकि शासन और विभाग की मंशा पूरी हो सके। साथ ही उन्होंने बताया कि 27 जून से 10 जुलाई तक दंपत्ति संपर्क पखवाड़ा मनाया गया । जिसमें योग दंपत्ति से आशा एएनएम के द्वारा संपर्क कर परिवार नियोजन के लिए मोटिवेशन किया गया था।

परिवार कल्याण विशेषज्ञ तबरेज अंसारी ने बताया कि इस अभियान में सहभागिता एवं सहयोग के लिए समस्त ब्लॉक स्तरीय अधिकारियों के साथ समस्त चिकित्सा अधिकारियों, स्टाफ नर्स एवं आशा को शामिल किया जाएगा। साथ ही जनसंख्या स्थिरता पखवाड़ा के दौरान प्रत्येक दिवस के नसबंदी केस एवं अन्य अस्थाई गर्भनिरोधक संसाधनों की सूचना भारत सरकार को अनिवार्य रूप से प्रेषित किया जाना है।

इस कार्यक्रम में एसीएमओ डॉ जे एन सिंह, डॉ एस के मिश्रा, डॉ मनोज सिंह, डॉ स्वतंत्र सिंह, डीपीएम प्रभुनाथ, बीसीपीएम अनिल वर्मा, अनिल चौबे, राघवेंद्र सिंह के साथ अन्य सहयोगी संस्था के लोग शामिल रहे।