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राष्ट्रीय एकता दिवस एसडीएम बोली सरदार पटेल ने धैर्य और साहस के साथ देश को एक सूत्र में बांधा।

जमानियां। स्थानीय तहसील मुख्यालय स्थित सभागार में एकत्रित सभा को उपजिलाधिकारी डा, हर्षिता तिवारी ने राष्ट्रीय एकता दिवस की शपथ दिलाई और भारत को एकजुट करने वाले भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उन्होंने कहा कि सरदार वल्लभभाई पटेल ने अपनी राजनीतिक कुशलता, धैर्य और साहस से देश को एकजुट किया। उन्होंने देश की क्षेत्रीय अखंडता और संप्रभुता की रक्षा की ताकि आने वाली पीढ़ियां सम्मान, शांति और समृद्धि के साथ रह सकें।

सरदार वल्लभभाई पटेल की जयंती के अवसर पर रन फॉर यूनिटी कार्यक्रम सेंट्रल पब्लिक स्कूल के छात्र छात्राओं द्वारा रैली थाना कोतवाली, तहसील मुख्यालय परिसर के साथ नगर कस्बा होते नई बस्ती चांदपुर व एन एच 24 सड़क होते तहसील मुख्यालय पहुंच कर उपजिलाधिकारी के साथ एक सेल्फी लिया। इस दौरान तहसीलदार देवेंद्र यादव, इंस्पेक्टर दिग्विजय नाथ तिवारी, शैलेंद्र कुमार यादव इंद्रपाल सिंह, अशोक कुमार, विजय दुबे के साथ स्कूल के अध्यापक गण शामिल रहे। बताया जाता है। की मंगलवार को सुबह राष्ट्रीय एकता भावना के साथ स्थानीय सेंट्रल पब्लिक स्कूल के छात्र छात्राओं द्वारा रैली के माध्यम से रन फार यूनिटी दौड़ में भाग लिया। इसके साथ ही उपजिलाधिकारी तहसील मुख्यालय स्थित सभागार में एकत्रित सभा को राष्ट्रीय एकता दिवस की शपथ दिलाई और भारत को एकजुट करने वाले भारत रत्न सरदार वल्लभभाई पटेल को पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी। इस दौरान उपजिलाधिकारी ने बताया कि 2047 तक अपने देश को एक विकसित देश बनाने के लिए महान एकता और एकल उद्देश्य के साथ काम करने का संकल्प लेना चाहिए। उन्होंने कहा की हम सरदार पटेल द्वारा प्रचारित मूल्यों और दृष्टिकोण को फिर से जागृत करना चाहिए। और समाज में शांति, सद्भाव और समृद्धि के लिए काम करने के लिए सभी को प्रेरित किया। बताया जाता है। की भारत के लौह पुरुष और देश के पहले उप-प्रधानमंत्री और गृहमंत्री सरदार वल्लभ भाई पटेल की 71 वीं पुण्यतिथि है। उनका जन्म 31 अक्टूबर 1875 को गुजरात के खेड़ा में हुआ था। इस अवसर पर मंगलवार की सुबह सेंट्रल पब्लिक स्कूल के छात्र व छात्राएं रैली के माध्यम से नगर कस्बा तथा नई बस्ती चांदपुर होते थाना कोतवाली तथा तहसील मुख्यालय पहुंचकर रन फार यूनिटी यानि दौड़ लगाई। उक्त मौके पर तहसीलदार देवेंद्र यादव, इंस्पेक्टर दिग्विजय नाथ तिवारी विभागीय अधिकारियों ने भाग लिया। बताया जाता है। की सरदार वल्लभ भाई पटेल ने अपनी आखिरी सांस 15 दिसंबर 1950 को मुंबई में ली। बताया जा रहा है। की देश की आजादी में सरदार पटेल का जितना योगदान अहम रहा। उन्होंने आजाद भारत को एक करने में दिया योगदान। 15 अगस्त 1947 को जब देश आजाद हुआ, तब देश में छोटी-बड़ी 562 रियासतें थीं। इनमें से कई रियासतों ने तो आजाद रहने का ही फैसला कर लिया था। लेकिन सरदार पटेल ने इन सबको देश में मिलाया। तहसीलदार देवेंद्र यादव ने कहा की ऑल इंडिया कांग्रेस कमेटी की मीटिंग में महात्मा गांधी के साथ सरदार पटेल रहे। पटेल ने आजादी के बाद जब हैदराबाद और जूनागढ़ ने भारत में मिलने से मना कर दिया। इसके पीछे पाकिस्तान और मोहम्मद अली जिन्ना की चाल थी। लेकिन हैदराबाद में सरदार पटेल ने सेना भेजकर वहां के निजाम का आत्मसमर्पण करवा लिया। वहीं जूनागढ़ में जनता के विद्रोह से घबराकर वहां का नवाब भागकर पाकिस्तान चला गया। इसी तरह भोपाल के नवाब हमीदुल्ला खान ने भी शर्त रख दी कि वो या तो आजाद रहेंगे या पाकिस्तान में मिल जाएंगे। इसके बाद सरदार पटेल की वजह से ही भोपाल के नवाब ने हार मान ली। 1 जून 1949 को भोपाल भारत का हिस्सा बन गया।