गाजीपुर। पल्स पोलियो अभियान की तर्ज पर कुष्ठ रोगी खोजी अभियान 21 दिसंबर से 4 जनवरी तक संचालित होना है। इसके क्रम में गुरुवार को कार्यक्रम का विधिवत रूप से शुरुआत कर दिया गया। जिसके लिए पूरे जनपद में 3052 टीम में घर-घर पहुंचकर 33144 घरों का भ्रमण किया। जिसमें 187276 व्यक्तियों का परीक्षण किया गया जिसमें 144 संदिग्ध रोगी पाए गए।जिला कुष्ठ रोग अधिकारी डॉ रामकुमार ने बताया कि 21 दिसंबर से 4 जनवरी तक पल्स पोलियो अभियान की तरह कुष्ठ रोग खोजी अभियान घर-घर चलाई जाने का निर्देश शासन के द्वारा दिया गया है जिसके क्रम में 3052 टीम के माध्यम से 187276 व्यक्तियों का परीक्षण किया गया जिसमें से 144 संदिग्ध रोगी पाए गए। जिनका अब विभाग के द्वारा निशुल्क इलाज किया जाएगा।
राष्ट्रीय कुष्ठ उन्मूलन कार्यक्रम के तहत ट्रेस, टेस्टिंग और ट्रीटमेंट की प्रक्रिया अपनाते हुए रोगी की शीघ्र पहचान, जांच और इलाज किया जाता है। इस रोग से पीड़ित व्यक्ति की करेक्टिव सर्जरी निशुल्क की जाती है और मरीज को श्रम ह्रास के बदले में 8 हजार रुपए दिए जाते हैं ।कुष्ठ एक संक्रामक रोग है। यह ‘माइकोबैक्टीरियम लेप्रे’ नामक जीवाणु के कारण होता है, जो एक एसिड-फास्ट रॉड के आकार का बेसिलस है। यह त्वचा के अल्सर, तंत्रिका क्षति और मांसपेशियों को कमजोर करता है। कुष्ठ रोग में त्वचा पर हल्के रंग के धब्बे दिखाई देते हैं। धब्बे संवेदना रहित होते हैं और रोग की शुरुआत बहुत धीमी गति व शांति से होती है। यह तंत्रिकाओं, त्वचा और आंखों को प्रभावित करता है। सभी संक्रामक रोगों में कुष्ठ रोग अत्यधिक घातक है, क्योंकि इस रोग में स्थाई शारीरिक दिव्यांगता हो सकती है एवं इस रूप में विशेष रुप से रोग में दिखने वाली दिव्यांगता ही मरीज के साथ होने वाले सामाजिक भेदभाव के लिए जिम्मेदार है।
यदि समय पर इसका इलाज नहीं किया जाए तो यह गंभीर विकृति और दिव्यांगता का कारण बन सकता है। कुष्ठ रोगियों के पैरों के तलवों में छाले, मांसपेशियों की कमजोरी और वजन में कमी सामान्य सी बात है।कुष्ठ रोग का शीघ्र पता चल जाए तो इसका उपचार मल्टी ड्रग थेरेपी (एम.डी.टी.) द्वारा संभव है। एमडीटी के उपचार के बाद इस रोग की पुनरावृत्ति दुर्लभ होती है | कुष्ठ रोग के लक्षण दिखने पर अपने क्षेत्र की आशा या एएनएम से संपर्क करें या निकटतम स्वास्थ्य केंद्र पर जाएं। सभी सरकारी स्वास्थ्य केंद्रों पर एमडीटी निःशुल्क उपलब्ध है।