गाजीपुर। जनपद के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र (सीएचसी) मोहम्मदाबाद पर सोमवार को फाइलेरिया उन्मूलन कार्यक्रम के अंतर्गत हाइड्रोसील उपचार के लिए शिविर लगाया गया। इस दौरान मुख्य चिकित्सा अधिकारी (सीएमओ) डॉ देश दीपक पाल की उपस्थिती में हाइड्रोसील ग्रसित आठ रोगियों की सफलतापूर्वक सर्जरी की गई। उन्होंने बताया कि पूर्व में चिन्हित किए गए फाइलेरिया हाइड्रोसील रोगियों का निरंतर इलाज किया जा रहा है। सोमवार को सीएचसी मोहम्मदाबाद में सर्जन डॉ आशुतोष गुप्ता के द्वारा हाइड्रोसील के आठ रोगियों का सफलतापूर्वक इलाज किया गया।
जिला मलेरिया अधिकारी मनोज कुमार ने बताया कि हाइड्रोसील पुरुषों को प्रभावित करने वाली एक मच्छर जनित बीमारी है। यह फाइलेरिया का ही एक रूप है और ऑपरेशन से इसे पूरी तरह ठीक किया जा सकता है। इसमें अंडकोष में पानी भर जाता है। दूसरे शब्दों में समझें तो हाइड्रोसील अंडकोष में सूजन का एक प्रकार है। यह अंडकोष के आसपास द्रव की एक पतली लाइनिंग जमा होने के कारण होता है। यह समस्या आमतौर पर नवजात शिशुओं में देखने को मिलती है। हालांकि 40 साल की उम्र के बाद यह वयस्क पुरुषों को भी प्रभावित कर सकती है। हाइड्रोसील आमतौर पर दर्दनाक या हानिकारक नहीं होता है। लेकिन अगर अंडकोष में दर्द रहित सूजन, चलने फिरने में परेशानी साथ ही उल्टी या दस्त आना, बुखार आना, कब्ज होना, अंडकोष में भारीपन महसूस होना, आकार बढ़ना आदि है तो डाक्टर से जरुर संपर्क करना चाहिए। उन्होंने बताया कि वर्तमान में जनपद में 456 हाइड्रोसील के रोगी हैं, जिसमें से 212 रोगियों का उपचार हो चुका है। शेष रोगियों के उपचार की प्रक्रिया चल रही है।
इस मौके पर चिकित्सा अधिकारी डॉ वीरेंद्र यादव, बायोलोजिस्ट अशोक मौर्य, ब्लॉक कार्यक्रम प्रबन्धक संजीव कुमार, फार्मासिस्ट इमरान, पाथ के जिला समन्वयक अरुण कुमार एवं सीफार संस्था के जिला प्रतिनिधि संजय सिंह एवं अन्य स्वास्थ्यकर्मी मौजूद रहे।