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हिंदुस्तानी एकेडमी सम्मान से सम्मानित हुए वरिष्ठ साहित्यकार राजेन्द्र सिंह

जमानियाँ (गाजीपुर)। क्षेत्र के ग्राम बरुइन निवासी वरिष्ठ साहित्यकार व सौरभ साहित्य परिषद के संस्थापक राजेन्द्र सिंह को उप्र हिंदुस्तानी एकेडेमी अपने 97 वां स्थापना दिवस पर शुक्रवार को प्रयागराज स्थित गांधी सभागार में एकेडेमी सम्मान 2024 से सम्मानित किया। जिससे क्षेत्र में हर्ष व्याप्त है। विद्वत सम्मान व भोर एक सृजन की सांस्कृतिक प्रस्तुति कार्यक्रम का शुभारम्भ मां सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित का किया गया तत्पश्चात् मुख्य अतिथि न्यायमूर्ती मेंबर ज्यूडिशियल विनोद कुमार ओझा व सचिव देवेन्द्र कुमार सिंह के कर कमलों द्वारा अंगवस्त्रम, स्मृति चिन्ह व सम्मान पत्र देकर विद्वत जन का सम्मान किया गया।
ज्ञात हो कि उप्र हिंदुस्तानी एकेडेमी अपने स्थापना दिवस 29 मार्च को प्रतिवर्ष मूर्धन्य साहित्यकारों को सम्मानित करती है। इस वर्ष सम्मान के लिए 10 विद्वानों को मनोनीत किया गया था।

सन् 1951 में जन्मे वरिष्ठ साहित्यकार राजेंद्र सिंह पूर्वांचल के एक प्रमुख साहित्य स्तंभ हैं। इन्होंने सौरभ साहित्य परिषद बरुइन-गाजीपुर की स्थापना कर क्षेत्र में साहित्य के प्रति लोगों में रुझान पैदा करने के साथ ही नवयुवकों को एक नया आयाम देने का कार्य किये। गद्य एवं पद्य में समान गति से लेखन करते हुए उनकी प्रमुख प्रकशित काव्यकृतियों में ’दुनिया तो है आनी जानी’, ’आओ मेरे गांव में, बेड़ियों को चोट की दरकार है’ तथा ’कीचड़ सने पांव’ महत्त्वपूर्ण हैं। करीब पांच कृतियां शीघ्र प्रकाशन की स्थिति में हैं। पूर्व में उन्हें अनेक संस्थाओं द्वारा सम्मानित भी किया जा चुका है। उक्त मौके पर सरस्वती पत्रिका के सम्पादक व अनुज रविनन्दन सिंह सहित एकेडेमी के पदाधिकारी व अन्य सदस्य मौजूद रहे।