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विक्रेताओ द्वारा उन्ही उत्पादो का विनिर्माण किया जाये, जो उर्वरक नियंत्रण आदेश 1985 में हो वर्णित

गाजीपुर। कृषि निदेशालय, उ0प्र0 उर्वरक अनुभाग, कृषि भवन लखनऊ द्वारा निर्देश निर्गत किया गये थे कि फॉस्फेटिक उर्वरकों के नाम पर अन्य उत्पाद का विक्रय किये जाने एवं विक्रय केन्द्रो पर जैविक डी0ए0पी0, बायो डी0ए0पी0, आर्गेनिक डी0ए0पी0, डी0ए0पी0 का विकल्प आदि भ्रामक नामों से उत्पादो की अवैध रूप से बिक्री किये जाने/प्रकरण इत्यादि प्रकाश में आने पर सम्बन्धित दोषी व्यवसायियों के विरूद्ध उर्वरक (अकार्बनिक, कार्बनिक या मिश्रित) आदेश, 1985 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम 1955 के अन्तर्गत नियमानुसार कार्यवाही करना सुनिश्चित करें। कृषि निदेशालय, उ0प्र0 (उर्वरक अनुभाग), कृषि भवन, लखनऊ द्वारा इसी परिपेक्ष्य में पुनः निर्देश निर्गत किये गये कि कुछ व्यवसायियों द्वारा फॉस्फेट रिच आर्गेनिक मैन्योर के बैगों पर भारत डी0ए0पी0, डी0ए0पी0 (ड्यूरेवल एग्रीकल्चर प्रोडक्ट), डी0ए0पी0 (डबल एक्शन पावर), डी0ओ0पी0 आदि नाम से किया जा रहा है। जिला कृषि अधिकारी/ अधिसूचित प्राधिकारी (उर्वरक), ने समस्त उर्वरक विनिर्माता एवं समस्त थोक एवं फुटकर उर्वरक विक्रेता को निर्देशित किया है कि समस्त उर्वरक विनिर्माता कम्पनी थोक एवं फुटकर उर्वरक विक्रेताओ द्वारा उन्ही उत्पादो का विनिर्माण/विक्रय/भण्डारण/परिसंचलन किया जाये, जो कि उर्वरक (अकार्बनिक, कार्बनिक या मिश्रित) नियंत्रण आदेश, 1985 में वर्णित हो अथवा राज्य सरकार द्वारा अधिसूचित हो। इसके अतिरिक्त ऐसे किसी भी उत्पाद का विक्रय न किया जाये, जिसके उर्वरक होने का भ्रम हो अथवा उर्वरकों के स्वरूप से मिलता-जुलता हो। फॉस्फेट रिच आर्गेनिक मैन्योर के प्रकरणों में यह सुनिश्चित किया जाये कि उनके बैगों मे जैविक डी0ए0पी0, बायो डी0ए0पी0, आर्गेनिक डी0ए0पी0, डी0ए0पी0 का विकल्प, भारत डी0ए0पी0, डी0ए0पी0 (ड्यूरेवल एग्रीकल्चर प्रोडक्ट), डी0ए0पी0 (डबल एक्शन पावर), डी0ओ0पी0 व पोटास ड्राइब्ड फ्रॉम मोलेसिस के प्रकरणों में यह सुनिश्चित किया जाये कि उनके बैगों पर पोटास इत्यादि अंकित न हों। उपरोक्त निर्देशों का कड़ाई से अनुपालन किया जाये, यदि किसी खुदरा, थोक एवं उर्वरक विनिर्माता द्वारा उक्त निर्देशो का अनुपालन नही किया जाता है तथा निरीक्षण/शिकायत की स्थिति में विषम परिस्थिति पायी जाती है तो सम्बन्धित के विरूद्ध उर्वरक (अकार्बनिक, कार्बनिक या मिश्रित) नियंत्रण आदेश 1985, उर्वरक संचलन नियंत्रण आदेश, 1973 एवं आवश्यक वस्तु अधिनियम के अन्तर्गत बिना स्पष्टीकरण प्राप्त किये ही वैधानिक कार्यवाही की जायेगी, जिसके लिए सम्बन्धित उर्वरक विनिर्माता/थोक उर्वरक विक्रेता/फुटकर उर्वरक विक्रेता स्वयं जिम्मेदार होंगे।