गाजीपुर। अति प्राचीन श्री रामलीला कमेटी हरिशंकरी की ओर से रामलीला स्थल लंका मैदान में बंदे वाणी विनायक आदर्श श्री रामलीला मंडल के कलाकारों द्वारा रावण बाडा़ में लीला के दौरान राम रावण संवाद और युद्ध लीला दर्शाया गया। इसके पूर्व कमेटी के मंत्री ओमप्रकाश तिवारी, उप मंत्री लोक कुमार त्रिवेदी, प्रबंधक मनोज कुमार तिवारी, उप प्रबंधक मयंक तिवारी, जय श्री राम का आरती पूजन किया। इसके बाद राम रावण संवाद लीला शुरू हुआ। लीला में दर्शाया गया कि जिस समय रावण को समाचार मिला कि युद्ध के दौरान मेघनाथ कुंभकरण मारे गए राज दरबार से उठकर अपने राजमहल में जाता है जहां उसकी पत्नी मंदोदरी, नाना माल्यवान ने उसे समझाते हुए कहा की लंकेश आप उनके पत्नी सीता को श्री राम के पास लौटा कर उनके शरण में जाएं तो वे आपको क्षमा कर देंगे। रावण ने अपने नाना माल्यावान अपने धर्मपत्नी मंदोदरी के बात को अनसुना करके चतुरंगिणी सेना के साथ रथ पर सवार होकर युद्ध भूमि के लिए प्रस्थान कर देता है। वहां पहुंचकर श्रीराम लक्ष्मण को युद्ध के लिए ललकारता है। उसने कहा कि राम तुमने मेरे योद्धाओं को मार कर ठीक नहीं किया है, मैं तुमको युद्ध के लिए ललकारता हूं इतना सुनते ही श्री राम लक्ष्मण रावण से युद्ध करने के लिए युद्ध स्थल पर आ आ जाते हैं, दोनों में घमासान युद्ध छिड़ गया। श्री राम ने रावण पर बाणो की बौछार शुरू कर दी। फिर भी रावण नहीं मरा, अंत में विभीषण ने श्री राम को इशारा किया कि हे प्रभु रावण को ब्रह्मा का वरदान मिला है, और इसके नाभि में अमृत भरा है अतः आप अग्निबाण अनुसंधान करके रावण के नाभि में बाण मारे जिससे उसके नाभी का अमृत सूख जाएगा और वह धराशाई हो जाएगा। श्री राम ने विभीषण के कथन अनुसार प्रभु श्री राम ने रावण के नाभि में अग्निबाण छोडा जिससे वह श्री राम कहते हुए बेहोश होकर जमीन पर गिर पड़ा। उसके गिरते ही श्री राम ने अपने अनुज लक्ष्मण से कहा की है लक्ष्मण रावण प्रकांड विद्वान है और साथ ही राजनीतिज्ञ भी है, तुम रावण के पास जाकर उसे राजनीति सीखो। श्रीराम के आदेश पर लक्ष्मण जी लंका पति रावण के पास जाकर उसके सिर के पास गए। रावण ने लक्ष्मण को ना देख सका लक्ष्मण हताश हो श्री राम के पास जाकर बोला कि मैं रावण के पास आपके आदेश अनुसार गया फिर भी रावण ने मुझे कुछ नहीं कहा, श्री राम ने लक्ष्मण से पूछा कि ऐसा हो नहीं सकता है अतः वे लक्ष्मण के साथ महाराज रावण के पास जाकर खड़े हो गए रावण ने श्री राम को देखते हुए कहा कि हे राम आप आ गए हो। मैं आपको राजनीति के बारे में कहता हूं कि मैं आपसे हर मामले में हर जगह बड़ा हूं और आप मुझे मार नहीं सकते थे। लेकिन मारे जाने का कारण एकमात्र मेरा छोटा भाई विभीषण जिसे मैं ठुकरा दिया था वह आपके साथ मिलकर हमारे बारे में सब कुछ बता दिया जिससे आप मुझे युद्ध के दौरान मार गिराया। जिसके घर में फुट मत हो जाती है, वह घर बर्बाद हो जाता है बस हमको देख लो काश मैं विभीषण को अपने साथ रखता तो आज मैं आपके बाण के द्वारा मारा नहीं जाता। इसके अलावा रावण ने राजनीतिक के बारे में श्री राम लक्ष्मण को बहुत प्रकार से समझाया और उसने अंत में कहा कि हे राम अब मुझे जाने की आज्ञा दो इतना करने के बाद श्री राम का नाम लेते हुए अंत में रावण ने अपने शरीर को श्री राम के सामने त्याग देता है।
रामलीला के दौरान लंका के मैदान में नियत समय कमेटी के संरक्षक/जिलाधिकारी आर्यका अखौरी, सह संरक्षक/पुलिस अधीक्षक ईरज राजा के द्वारा इलेक्ट्रिक बटन दबाकर रावण के पुतले का दहन किया गया। रावण के दहन होते ही पूरा जनसमूह हर हर महादेव एवं जय श्री राम के नारों से पूरा मैदान गुंजायमान कर दिया। इस मौके पर एडीएम दिनेश कुमार, सदर एसडीएम प्रखर उत्तम, एएसपी सिटी ज्ञानेंद्र, एसडीएम केके सिंह आदि तमाम अधिकारी कर्मचारी और रामलीला कमेटी के लोग उपस्थित रहे। रामलीला कमेटी के मंत्री ओमप्रकाश तिवारी बच्चा ने दशहरा का पर्व शांतिपूर्वक संपन्न होने पर गाजीपुर की जनता और प्रशासनिक अधिकारियों को बधाई देते हुए आभार जताया है।