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सहायक डाक अधीक्षक रिश्वत लेते रंगे हाथ गिरफ्तार, चार साल की सजा

गाजीपुर। जमानिया कोतवाली क्षेत्र के सहायक डाक अधीक्षक अखिनानंद सिंह को रिश्वतखोरी के मामले में सीबीआई की विशेष अदालत ने चार साल की कठोर कारावास और एक लाख रुपये जुर्माने की सजा सुनाई है। यह फैसला सीबीआई न्यायालय संख्या चार, लखनऊ के विशेष न्यायाधीश ने मंगलवार को सुनाया।

मामला विस्तार से:
जमानिया के दौदही गांव निवासी रामनारायण यादव, जो वाराणसी के विशेश्वरगंज डाकघर में पोस्टमैन के पद पर तैनात थे, 18 दिसंबर 2012 को सेवानिवृत्त होने के बाद निधन हो गया था। उनकी 18 दिन की सेवा का एरियर भुगतान लंबित था। रामनारायण के पोते अजीत यादव ने इसके लिए उपमंडल डाकघर जमानिया के कई चक्कर लगाए, लेकिन सहायक डाक अधीक्षक अखिनानंद सिंह ने भुगतान के लिए 1500 रुपये घूस की मांग की।अजीत यादव ने यह मामला सीबीआई की एंटी करप्शन ब्रांच (एसीबी) से शिकायत कर दर्ज कराया।

घूस लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार:
6 मार्च 2013 को सीबीआई की एसीबी टीम ने जाल बिछाया। अखिनानंद सिंह ने जमानिया के देवरिया पुलिस चौकी के पास एक पुलिया पर 1000 रुपये की घूस ली। रकम लेने के बाद वे बाइक से गाजीपुर के लिए निकल गए। सीबीआई टीम ने उनका पीछा कर कुछ ही दूरी पर गिरफ्तार कर लिया।

सबूत और कार्रवाई:
उनकी शर्ट की जेब से केमिकलयुक्त सौ-सौ के दस नोट बरामद हुए। घूस के सबूत के तौर पर, जब हाथ धुलवाए गए, तो उनके हाथ लाल हो गए थे। सीबीआई ने पुख्ता सबूतों के आधार पर मामला अदालत में पेश किया।
अदालत का फैसला:
विशेष न्यायाधीश ने इस मामले में दोषी पाते हुए अखिनानंद सिंह को चार साल की कठोर कारावास और एक लाख रुपये के जुर्माने की सजा सुनाई। अदालत ने अपने फैसले में स्पष्ट किया कि सरकारी पद पर रहते हुए भ्रष्टाचार को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

जनता में संदेश:
यह फैसला रिश्वतखोरी और भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त संदेश है। शिकायतकर्ता अजीत यादव और उनके परिवार ने इस फैसले का स्वागत किया और सीबीआई की कार्रवाई की सराहना की।