जमानियां( गाज़ीपुर)। उत्तर प्रदेश की राज्यपाल एवं वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय की कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल जी के आदेश के अनुपालन में हिंदू स्नातकोत्तर महाविद्यालय में ‘पढ़े महाविद्यालय, बढ़े महाविद्यालय, दहेज मुक्त एवं नशा मुक्त भारत’ कार्यक्रम का आयोजन किया गया। महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो श्रीनिवास सिंह की अध्यक्षता में संपन्न इस कार्यक्रम में विद्यार्थियों को समाज की कुरीतियों से लड़ने और शिक्षा के महत्व को समझने का संदेश दिया गया।
हिंदी विभाग के समन्वयक की प्रेरणादायक अपील
कार्यक्रम के समन्वयक एवं हिंदी विभाग के आचार्य व अध्यक्ष प्रो अखिलेश कुमार शर्मा शास्त्री ने अपने ओजस्वी वक्तव्य में शिक्षार्थियों को संबोधित करते हुए कहा,
“युवा शक्ति यदि ठान ले, तो समाज की कोई भी कुरीति अधिक दिनों तक नहीं टिक सकती। नशा मनुष्य की सबसे बड़ी कमजोरी है, जो उसकी सोचने-समझने की क्षमता को नष्ट कर देता है। जो युवा कल देश का भविष्य बनने वाला है, यदि वही नशे में लिप्त हो जाए, तो समाज की उन्नति असंभव हो जाएगी। इसी तरह दहेज प्रथा हमारे समाज के माथे पर एक ऐसा कलंक है, जिसे केवल शिक्षा, आत्मनिर्भरता और दृढ़ संकल्प से ही मिटाया जा सकता है। हमें यह संकल्प लेना होगा कि हम न तो दहेज देंगे और न ही इसे स्वीकार करेंगे। हमारी बेटियां आत्मनिर्भर बनेंगी, तो समाज में बदलाव निश्चित रूप से आएगा।” इसके साथ ही उन्होंने विद्यार्थियों से यह प्रतिज्ञा कराई कि वे नशा एवं दहेज जैसी सामाजिक बुराइयों से सदैव दूर रहेंगे और समाज को जागरूक करने में अपनी भूमिका निभाएंगे।
कार्यक्रम की रूपरेखा:
मुख्य अतिथि: राजनीति विज्ञान विभाग के सेवानिवृत्त विभागाध्यक्ष डॉ मदन गोपाल सिंहा ने विद्यार्थियों को प्रेरित किया कि वे नशे से दूर रहें, शिक्षा को अपना सर्वोच्च लक्ष्य बनाएं और दहेज प्रथा जैसी बुराइयों के खिलाफ आवाज उठाएं। उन्होंने कहा, “शिक्षित युवा ही समाज की तस्वीर बदल सकते हैं। हमें नशा और दहेज को जड़ से समाप्त करने के लिए मिलकर प्रयास करना होगा।”
संस्कृत विभाग की अध्यक्ष: डॉ शुभ्रा सिंह ने छात्राओं को आत्मनिर्भर बनने का संदेश दिया और उन्हें शिक्षा को सर्वोपरि मानने की प्रेरणा दी। उन्होंने कहा कि जब महिलाएं आर्थिक और सामाजिक रूप से सशक्त होंगी, तभी दहेज जैसी कुरीतियां समाप्त होंगी।
अध्यक्षीय उद्बोधन एवं समापन
कार्यक्रम के संयोजक, रसायन विज्ञान विभागाध्यक्ष एवं महाविद्यालय के आंतरिक आश्वासन प्रकोष्ठ के प्रभारी प्रो अरुण कुमार ने सभी प्रतिभागियों का आभार प्रकट किया। अपने अध्यक्षीय संबोधन में प्राचार्य प्रो श्रीनिवास सिंह ने विद्यार्थियों को नशा मुक्त और दहेज मुक्त समाज के निर्माण में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि शिक्षा केवल डिग्री प्राप्त करने तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि उसका उद्देश्य समाज को जागरूक और विकसित करना भी होना चाहिए।
कार्यक्रम में उत्साहपूर्ण सहभागिता
इस कार्यक्रम में विभिन्न विभागों के प्रमुख, शिक्षकगण एवं छात्र-छात्राओं ने उत्साहपूर्वक भाग लिया, जिनमें प्रमुख रूप से शामिल थे:
विभागाध्यक्ष: डॉ संजय कुमार सिंह (इतिहास), डॉ राकेश कुमार सिंह (अंग्रेजी), डॉ अखिलेश कुमार जायसवाल (राजनीति विज्ञान), डॉ कंचन कुमार राय (गणित), डॉ महेंद्र कुमार (भौतिक विज्ञान), डॉ ओम प्रकाश लाल श्रीवास्तव, डॉ जितेंद्र कुमार सिंह, डॉ संजय कुमार राय, डॉ राघवेंद्र पांडेय, डॉ अरुण कुमार, डॉ अमित कुमार।
अन्य सहभागिता: लेखाकार सत्य प्रकाश सिंह, वरिष्ठ सहायक डॉ अमित कुमार सिंह, कमलेश प्रसाद, एवं छात्रगण विजय पांडेय, अरमान, ज्ञान प्रकाश जायसवाल, रिया शर्मा, कुमकुम यादव आदि।
इस कार्यक्रम ने विद्यार्थियों को न केवल शिक्षा का महत्व समझाया, बल्कि सामाजिक बुराइयों के खिलाफ दृढ़ संकल्प लेने के लिए प्रेरित किया। उपस्थित सभी शिक्षकों और विद्यार्थियों ने एकमत होकर नशा एवं दहेज के खिलाफ जागरूकता फैलाने की प्रतिज्ञा की। यह आयोजन समाज में सकारात्मक बदलाव की दिशा में एक प्रभावी कदम साबित हुआ।