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पंचायत भवन से सामान गायब, दोषी सचिव पर कार्रवाई की मांग

जमानिया (गाजीपुर)। हसनपुरा ग्राम पंचायत भवन से करीब पौने दो लाख रुपये मूल्य के सामान की चोरी के मामले में कार्रवाई ठप है। जांच में दोषी पाए गए पंचायत सचिव आर.एन. पाल के खिलाफ अभी तक एफआईआर दर्ज नहीं हो सकी है। डीपीआरओ निलेंद्र सिंह द्वारा छह दिन पूर्व निर्देश दिए जाने के बावजूद संबंधित थाने में प्राथमिकी दर्ज नहीं की गई, जिससे ग्रामीणों में आक्रोश है और प्रशासन की कार्यप्रणाली पर सवाल उठने लगे हैं। ग्रामीणों का कहना है कि जांच में दोषी सिद्ध होने के बाद भी सचिव के खिलाफ एफआईआर न होना इस बात का संकेत है कि कुछ अधिकारी उन्हें बचाने का प्रयास कर रहे हैं। उन्होंने इसे गंभीर लापरवाही करार देते हुए प्रशासन की निष्क्रियता पर नाराजगी जाहिर की है।

कैसे हुआ खुलासा?
प्रकरण की शुरुआत हसनपुरा के नवनिर्वाचित ग्राम प्रधान ऋषिकेश राय द्वारा जिलाधिकारी अविनाश कुमार से की गई शिकायत से हुई। डीएम के आदेश पर डीडीओ सुभाष चंद्र सरोज ने मामले की जांच कर सचिव आर.एन. पाल को जिम्मेदार ठहराया। जांच रिपोर्ट जिलाधिकारी कार्यालय को सौंपी गई, जिसके आधार पर डीएम ने डीपीआरओ को कार्रवाई के निर्देश दिए। इसके बाद डीपीआरओ निलेंद्र सिंह ने सहायक विकास अधिकारी (पंचायत), रेवतीपुर को सचिव के विरुद्ध एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश दिया, लेकिन अब तक इस पर कोई अमल नहीं हुआ है।

“शीघ्र होगी कार्रवाई”: खंड विकास अधिकारी
खंड विकास अधिकारी जमालुद्दीन खां ने बताया कि सचिव आर.एन. पाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराने का निर्देश प्राप्त हुआ है और जल्द ही कार्रवाई पूरी कर ली जाएगी।

ग्रामीणों की चेतावनी
इस बीच ग्रामीणों ने चेतावनी दी है कि यदि जल्द ही दोषी सचिव के खिलाफ कार्रवाई नहीं हुई तो वे बड़ा आंदोलन करेंगे। ग्रामीणों ने शासन से यह भी मांग की है कि भ्रष्टाचार को संरक्षण देने वाले अधिकारियों पर भी सख्त कार्रवाई की जाए। इस प्रकरण ने एक बार फिर प्रशासन की लापरवाही और पारदर्शिता को लेकर गंभीर सवाल खड़े कर दिए हैं।