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विश्व तम्बाकू निषेध दिवस पर संगोष्ठी आयोजित, तम्बाकू विरोधी मुहिम को मिला न्यायपालिका का समर्थन

गाजीपुर। जनपद न्यायालय गाजीपुर में शनिवार को विश्व तम्बाकू निषेध दिवस के अवसर पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम का शुभारंभ मा. जनपद न्यायाधीश धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय ने माँ सरस्वती के चित्र पर दीप प्रज्ज्वलित कर और माल्यार्पण कर किया। संगोष्ठी का आयोजन जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गाजीपुर के तत्वावधान में किया गया। इस अवसर पर जनपद न्यायाधीश एवं जिला विधिक सेवा प्राधिकरण के अध्यक्ष श्री धर्मेन्द्र कुमार पाण्डेय ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन ने तम्बाकू से होने वाली बीमारियों और उससे जुड़ी सामाजिक-आर्थिक समस्याओं पर नियंत्रण के लिए वर्ष 1987 से विश्व तम्बाकू निषेध दिवस की शुरुआत की थी। पहला तम्बाकू निषेध दिवस 31 मई 1988 को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मनाया गया। इसके बाद से यह दिन हर साल पूरे विश्व में तम्बाकू के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए मनाया जाता है। उन्होंने संगोष्ठी में उपस्थित लोगों को तम्बाकू का त्याग करने की शपथ भी दिलाई।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश शक्ति सिंह ने कहा कि “तम्बाकू एक धीमा जहर है जिसे लोग अपने ही हाथों से खरीदते हैं और धीरे-धीरे अपनी जिंदगी को नष्ट करते हैं। बीड़ी, सिगरेट, गुटखा, पान मसाला जैसे तम्बाकू उत्पाद न सिर्फ व्यक्ति के शरीर को खोखला कर देते हैं बल्कि पूरे परिवार को भी संकट में डाल सकते हैं।” विजय कुमार चतुर्थ, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश व सचिव, जिला विधिक सेवा प्राधिकरण, गाजीपुर ने बताया कि विश्व स्वास्थ्य संगठन के आंकड़ों के अनुसार हर वर्ष दुनियाभर में लगभग 80 लाख से अधिक लोग तम्बाकू से संबंधित बीमारियों से अपनी जान गंवाते हैं, जिनमें करीब 12 लाख लोग ऐसे होते हैं जो स्वयं तम्बाकू का सेवन नहीं करते, लेकिन दूसरों के धुएं के संपर्क में आने के कारण प्रभावित होते हैं। उन्होंने यह भी बताया कि भारत में तम्बाकू सेवन की दर काफी अधिक है—देश की लगभग 27 प्रतिशत वयस्क आबादी किसी न किसी रूप में तम्बाकू का सेवन करती है। मुख्य चिकित्साधिकारी डॉ. सुनील पाण्डेय ने बताया कि इस वर्ष (2025) की थीम “Protecting youth from industry manipulation and preventing them from tobacco and nicotine use” है, जिसका उद्देश्य तम्बाकू और निकोटीन उत्पादों के प्रचार-प्रसार में लगे उद्योगों की रणनीति को उजागर करना है। उन्होंने युवाओं और बच्चों से तम्बाकू से दूर रहने की अपील की और बताया कि तम्बाकू के सेवन से कैंसर, हृदय रोग, स्ट्रोक और फेफड़ों से जुड़ी गंभीर बीमारियाँ होती हैं।

इस अवसर पर प्रधान न्यायाधीश, कुटुंब न्यायालय श्री नरेन्द्र कुमार, मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण गाजीपुर के श्री संजय हरी शुक्ला, अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश श्री अलख कुमार, मुख्य न्यायिक दण्डाधिकारी श्रीमती नूतन द्विवेदी, सिविल बार एसोसिएशन के अध्यक्ष व महासचिव, अन्य न्यायिक अधिकारीगण, न्यायालय के कर्मचारीगण, जिला चिकित्सालय के पदाधिकारी व कर्मचारी, तथा पराविधिक स्वयंसेवकगण उपस्थित रहे।कार्यक्रम के अंत में सभी ने तम्बाकू निषेध का संकल्प लिया और जनजागरूकता बढ़ाने की दिशा में सहयोग करने की अपील की गई।