जमानिया। “पंखों से कुछ नहीं होता, हौसलों से उड़ान होती है”—इस प्रेरणास्पद पंक्ति को साकार कर दिखाया रेशमी कॉलेज ऑफ टीचर एजुकेशन के बीएड छात्राध्यापक अभय कुमार सिंह ने। एक हालिया सड़क दुर्घटना में गंभीर रूप से घायल होने के बावजूद अभय ने न केवल परीक्षा देने का साहस दिखाया, बल्कि स्ट्रेचर पर लेटे-लेटे तीन घंटे तक परीक्षा देकर दृढ़ निश्चय का भी परिचय दिया। अभय वर्तमान में एक अस्पताल में भर्ती हैं, लेकिन जैसे ही वीर बहादुर सिंह पूर्वांचल विश्वविद्यालय, जौनपुर द्वारा बीएड परीक्षा की तिथि घोषित हुई और उनका परीक्षा केंद्र हिंदू स्नातकोत्तर महाविद्यालय, जमानियां (गाजीपुर) पड़ा, तो उन्होंने कठिनाइयों के बावजूद परीक्षा देने का निश्चय किया।
इस परिस्थिति की जानकारी मिलते ही परीक्षा केंद्र के सहायक केंद्राध्यक्ष प्रो. अखिलेश कुमार शर्मा ने तत्काल अभय के लिए स्टडी टेबल की विशेष व्यवस्था करवाई, ताकि उन्हें लिखने में कुछ सुविधा मिल सके। उन्होंने कहा—“जब मैंने देखा कि एक छात्र स्ट्रेचर पर भी परीक्षा देने का हौसला रखता है, तो लगा कि यह केवल परीक्षा नहीं, एक प्रेरणा है जो सभी के दिलों को छू गई।” परीक्षा केंद्राध्यक्ष प्रो. निवास सिंह, सहायक केंद्राध्यक्ष प्रो. अरुण कुमार, डॉ. संजय कुमार सिंह और अभिषेक तिवारी ने अभय के इस जज्बे की सराहना की और उनके उज्ज्वल भविष्य की कामना की। सभी का कहना था कि अभय ने यह साबित कर दिया कि अगर मन में इच्छाशक्ति हो, तो कोई भी बाधा रास्ते की रुकावट नहीं बन सकती। अभय कुमार सिंह का यह साहस और समर्पण निश्चित ही आज के युवाओं के लिए प्रेरणास्त्रोत है।