जमानियां। स्टेशन बाजार स्थित हिंदू स्नातकोत्तर महाविद्यालय में नई शिक्षा नीति के संबंध में वेविनार का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि काशी हिंदू विश्वविद्यालय,वाराणसी के ला स्कूल बीएचयू के डॉ मुकेश कुमार मालवीय ने जहां नई शिक्षा नीति में क्षेत्रीय भाषाओं के समावेश को राष्ट्र निर्माण के लिए सकारात्मक बताया वहीं यह सुझाव भी रखा कि यदि वन नेशन वन एजुकेशन की नीति को भी सरकार भविष्य में लागू करने करे तो ही शिक्षा अपने उद्देश्य को प्राप्त कर सकेगी। डॉ.मालवीय ने शिक्षा नीति को ईमानदारी से लागू कराने हेतु सरकार से अपील भी की।
महाविद्यालय के राजनीति शास्त्र विभाग के अध्यक्ष डॉ. मदन गोपाल सिन्हा ने शिक्षा के इतिहास पर प्रकाश डालते हुए नई शिक्षा नीति के प्राचीन एवं आधुनिकता के समावेश की सराहना की साथ ही यह भी कहा कि इसकी सफलता का श्रेय सरकार के सहयोग एवं शिक्षकों की परिश्रम पर निर्भर करेगा। अंग्रेजी विभाग के अध्यक्ष डॉ. राकेश कुमार सिंह ने नई शिक्षा नीति में भारतीय भाषाओ को के विकास की आवश्यकता को महत्वपूर्ण बताया।उन्होंने कहा कि इससे भारतीयों में राष्ट्रीयता का विकास संभव हो सकेगा। रसायनशास्त्र विभागाध्यक्ष डॉ. अरुण कुमार ने इसे शिक्षा के इतिहास में मील का पत्थर बताया। विश्वविद्यालयों एवं महावि्यालयों को समग्र एवं बहुविषयक शिक्षा केन्द्र के रूप विकसित करना शीर्षक पर आयोजित वेव गोष्ठी में विषय प्रवर्तन इतिहास विभाग के असिस्टेंट प्रोफेसर डॉ.संजय कुमार सिंह ने किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ.शरद कुमार ने तथा तकनीकी सहयोग डॉ.मुकेश कुमार श्रीवास्तव तथा संचालन हिंदी विभाग के अध्यक्ष डॉ. अखिलेश कुमार शर्मा शास्त्री ने किया। वर्चु अल प्लेटफार्म से डॉ.विमला देवी, डॉ.रविन्द्र कुमार मिश्र, डॉ.अंगद प्रसाद तिवारी,राम लखन यादव,सुनील कुमार चौधरी,लाल चंद पाल,प्रदीप कुमार सिंह,सूरज कुमार जायसवाल,मनोज कुमार सिंह आदि जुड़े रहे।