गाजीपुर। विशेष संचारी रोग नियंत्रण अभियान का मुख्य उद्देश्य संचारी रोगों एवं दिमागी बुखार पर प्रभावी नियंत्रण कार्यवाही करना है। यह अभियान एक मार्च से शुरू होकर 31 मार्च तक जनपद में चलाया जाएगा। इसका शुभारंभ एक मार्च को काशीराम आवास बड़ी बात चुंगी पर जिलाधिकारी मंगला प्रसाद सिंह की उपस्थिति में नगर पालिका परिषद गाजीपुर की अध्यक्ष सरिता अग्रवाल द्वारा किया जाएगा।
नोडल अधिकारी डॉ डीपी सिन्हा ने बताया कि इस कार्यक्रम में सहयोगी विभाग के रूप में कार्य करने वाले बेसिक शिक्षा विभाग, जिला विद्यालय निरीक्षक ,पंचायती राज विभाग, नगर पालिका, बाल विकास एवं पुष्टाहार विभाग, कृषि विभाग, पशुपालन विभाग ,स्वच्छ भारत मिशन, सूचना विभाग, सिंचाई विभाग हैं एवं कार्यक्रम को लेकर उनके द्वारा इस माह में किए जाने वाले कार्यों के संबंध में पत्र भेजा जा चुका है। साथ ही इस कार्यक्रम को लेकर जिलाधिकारी की अध्यक्षता में पूर्व में जिला टास्क फोर्स की बैठक भी की जा चुकी है जिसमें जिलाधिकारी द्वारा इस कार्यक्रम के प्रचार प्रसार के लिए ऑडियो-वीडियो सभी ब्लॉक मुख्यालय ,तहसील मुख्यालय के साथ ही जिला मुख्यालय पर प्रसारित करने के निर्देश दिए जा चुके हैं।
सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र के चिकित्सा अधिकारी डॉ पंकज सिंह ने बताया कि इस वर्ष से दस्तक अभियान में फ्रंटलाइन वर्कर्स आशा एवं आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं के द्वारा घर घर जाकर क्षय रोग के संभावित रोगियों के विषय में भी जानकारी प्राप्त करेंगी तथा क्षय रोग के लक्षण वाले किसी भी व्यक्ति की सूचना प्राप्त होने पर उसका समस्त विवरण एवं मोबाइल नंबर फार्मेट पर अंकित कर ब्लॉक मुख्यालय को उपलब्ध कराना। साथ ही घर-घर भ्रमण के दौरान जन्म तथा मृत्यु पंजीकरण से छूटे हुए शिशु एवं व्यक्तियों का पंजीकरण करना, इसके अलावा किसी परिवार में दिमागी बुखार के कारण विकलांग हुए व्यक्ति की सूचना भी फ्रंटलाइन वर्कर्स द्वारा निर्धारित प्रपत्र पर एकत्रित किया जाना है।
उन्होंने बताया कि इस कार्यक्रम के अंतर्गत नामित किए विभागों को अलग-अलग कार्य एवं दायित्व दिए गए हैं। इन सभी विभागों के द्वारा माहवार कार्य योजना तैयार कर ब्लॉक तथा जिला स्तरीय समन्वय समिति में प्रस्तुत कर तैयार की जानी है, जिसकी प्रगति की समीक्षा प्रत्येक शनिवार अंतर विभागीय समीक्षा बैठकों में की जाएगी।
उन्होंने बताया कि दिमागी बुखार संबंधित जागरूकता बढ़ाने, बचाव और उपचार संदेश के प्रसार में आशा की महत्वपूर्ण भूमिका है। वह समुदाय को लामबंद करने और जेई से बचाव के लिए आमजन को प्रेरित करने का कार्य करेंगी।