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पर्यावरण संदेश देने वाले, गंगा पद यात्रा करते हुए हिंदू स्नातकोत्तर महाविद्यालय पहुंचे प्रो. योगेन्द्र यादव

जमानिया।  प्रोफेसर योगेंद्र यादव बनारस-जमानियां मार्ग से पद यात्रा करते हुए शनिवार को दोपहर स्टेशन बाजार स्थित हिंदू स्नातकोत्तर महाविद्यालय पहुंचे बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि वह महाराष्ट्र के गुजरात विद्यापीठ यूनिवर्सिटी में प्रोफेसर के पद पर थे, जिन्होंने 2014 में पर्यावरण को संरक्षित और हरा-भरा रखने तथा देश की सीमा पर हो रहे शहीदों की याद में यह महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। उनका कहना था कि वास्तव में पर्यावरण को संतुलित और संरक्षित रखने के लिए प्रकृति के संतुलन की आवश्यकता है। जिससे पर्यावरण शुद्ध होता है, लेकिन बड़े दुख का विषय है कि जनमानस इस ओर ध्यान नहीं दे रहा। जीवन को बचाने के लिए ऑक्सीजन बेहद जरूरी है। जिसके लिए प्रत्येक नागरिक को बच्चे के जन्म के समय दो पेड़ लगाने बेहद आवश्यक हैं, अन्यथा मनुष्य को जिंदगी बचाना मुश्किल हो जाएगा। उन्होंने मीडिया को बताते हुए कहा कि वर्षों से बढती जनसंख्या, औद्योगिकीकरण में वृद्धि तथा कृषि में विस्तार होने से जल की मांग बढती जा रही है। अतएव जल संरक्षण आज की आवश्यकता बन गई है। वर्षा जल संचयन मूल्यतः भवनों की छतों पर इकट्ठा करके भूमि में संरक्षण करके आगे काम में लेने की प्रक्रिया है। इसके लिए यह अत्यावश्यक है कि भू-जल की गिरावट तथा भू-जल स्तर में सुधार किया जाए तथा समुद्र के जल का अंतर्गमन अर्थात समुद्री जल को भूमि की तरफ आने से रोका जाए और वर्षा मौसम के दौरान सतही जल का अपवाह तथा शहरी अपशिष्ट जल का संरक्षण किया जाए।

आगे उन्होंने कहा कि नदियां धीरे धीरे सिकुड़ रही यदि नदियां विलुप्त हुई तो मानव सभ्यता भी समाप्त हो जायेगी इसलिए समाज की जिम्मेदारी है कि नदियों का संरक्षण करें ताकि आने वाली पीढ़ियों को बचा सके। इस अवसर पर महाविद्यालय के प्राचार्य प्रो. श्रीनिवास सिंह, हिंदी विभागाध्यक्ष वरिष्ठ प्रोफेसर अखिलेश कुमार शर्मा शास्त्री, आइक्यूएसी प्रभारी प्रो. अरुण कुमार, इतिहास विभागाध्यक्ष डॉ संजय कुमार सिंह, अर्थशास्त्र विभाग के डॉ जितेन्द्र कुमार सिंह सहित महाविद्यालय के शिक्षणेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे इस आशय की जानकारी महाविद्यालय के मीडिया प्रभारी सहायक आचार्य हिंदी अभिषेक तिवारी ने विज्ञप्ति जारी कर दी।