जमानियां। उपजिलाधिकारी ज्योति चौरसिया ने स्पष्ट निर्देश जारी करते हुए कहा कि राजस्व मामलों में न्यायालय द्वारा पारित आदेशों के अनुपालन में किसी भी प्रकार की लापरवाही या अड़चन अब बर्दाश्त नहीं की जाएगी। उन्होंने चेतावनी दी कि सीमांकन या पत्थरगड़ी के कार्यों में यदि विपक्षीगण जानबूझकर बाधा उत्पन्न करते हैं या सीमांकन के बाद लगाए गए पत्थरों को क्षतिग्रस्त करते हैं, तो उनके विरुद्ध कठोर कानूनी कार्रवाई की जाएगी। एसडीएम ने बताया कि उत्तर प्रदेश राजस्व संहिता की धारा 21 व 24 के अंतर्गत न्यायालय में विचाराधीन मामलों में जब अंतिम आदेश पारित हो जाता है, तो उसके अनुपालन में सीमांकन और पत्थरगड़ी की प्रक्रिया अनिवार्य होती है। यदि कोई व्यक्ति इस प्रक्रिया में बाधा डालता है या आदेश की अवहेलना करता है, तो यह कानून का उल्लंघन माना जाएगा और ऐसे में संबंधित के खिलाफ सख्त दंडात्मक कार्रवाई की जाएगी।
एसडीएम चौरसिया ने यह भी कहा कि राजस्व विभाग द्वारा बार-बार यह देखा गया है कि न्यायालय के आदेश के बावजूद विपक्षी पक्ष सीमा निर्धारण में जानबूझकर अड़चनें उत्पन्न करता है या सीमांकन के चिन्हों को क्षतिग्रस्त करता है, जो कि न्यायालय की अवमानना के साथ-साथ कानूनी उल्लंघन भी है। उन्होंने तहसील प्रशासन और राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देशित किया है कि यदि किसी मामले में इस प्रकार की शिकायत प्राप्त होती है, तो तुरंत संबंधित के विरुद्ध प्राथमिकी दर्ज कर आवश्यक कार्रवाई सुनिश्चित की जाए। उन्होंने यह भी कहा कि भविष्य में ऐसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए कठोर रुख अपनाया जाएगा।उपजिलाधिकारी की यह चेतावनी राजस्व विवादों में लिप्त पक्षकारों के लिए एक सख्त संदेश मानी जा रही है कि न्यायालय के आदेशों का सम्मान करें, अन्यथा कानूनी परिणाम भुगतने के लिए तैयार रहें।