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सीवर सफाई में दो मजदूरों की जहरीली गैस से मौत, सुरक्षा व्यवस्था पूरी तरह फेल

गाजीपुर। गाजीपुर के नखास इलाके में बुधवार को सीवर सफाई के दौरान दो मजदूर जहरीली गैस की चपेट में आकर दम तोड़ बैठे। घटना ने न केवल इंसानियत को शर्मसार किया, बल्कि प्रशासन और ठेकेदार की लापरवाही भी बेनकाब कर दी। न मास्क था, न ऑक्सीजन सिलेंडर, न सुरक्षा टीम — सिर्फ एक बेरहम सिस्टम और अंधेरे में फंसे दो मजदूर।

मृतक मजदूरों की कहानी
बलरामपुर के प्रहलाद, जो रोज़ी-रोटी कमाने के लिए नाले में उतरे, कुछ ही मिनटों में सांस लेने में असमर्थ हो गए। उनके साथ मौजूद गाजीपुर कोतवाली इलाके के वसीम ने प्रहलाद को बचाने के लिए खुद नाले में छलांग लगाई, लेकिन दोनों की जिंदगी बचाई नहीं जा सकी। दो घंटे की मशक्कत के बाद दोनों की लाशें बाहर निकाली गईं।

स्थानीय लोगों का गुस्सा
मौके पर मौजूद लोगों ने ठेकेदार और प्रशासन की खिंचाई की। उन्होंने सवाल उठाए कि क्या मजदूरों की जान इतनी सस्ती है कि उन्हें बिना किसी सुरक्षा उपकरण के खतरनाक काम पर भेज दिया जाए।

प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार:

रस्सी डालकर शव निकालने की घंटों कोशिश होती रही, लेकिन न कोई मास्क, न सिलेंडर और न ही कोई ट्रेनिंग थी। सब कुछ भगवान भरोसे था।

प्रशासन की प्रतिक्रिया
सीआरओ आयुष चौधरी ने बताया कि मौत जहरीली गैस के कारण हुई है। उन्होंने स्वीकार किया कि ठेकेदार ने सुरक्षा मानकों का पालन नहीं किया। जांच के आदेश दे दिए गए हैं और दोषियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। दो घंटे तक चले रेस्क्यू ऑपरेशन के दौरान आसपास बड़ी संख्या में लोग जमा हुए, जो चीखते-रोते नजर आए। हर साल ऐसी घटनाएं होती रहती हैं, लेकिन ठेकेदारों की मनमानी और प्रशासन की चुप्पी के कारण कोई जवाबदेही नहीं होती। अब सवाल यह है कि क्या इस बार सिर्फ जांच के भरोसे मामला खत्म होगा, या ठेकेदार और संबंधित अधिकारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।